पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे के हिंजवाड़ी इलाके में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जहां एक मिनीबस में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। शुरुआती जांच में इसे महज एक दुर्घटना माना जा रहा था, लेकिन पुलिस जांच में जो सच सामने आया, वह चौंकाने वाला था। पुलिस के मुताबिक, यह हादसा नहीं, बल्कि बस चालक जनार्दन हंबार्डिकर की सोची-समझी साजिश थी, जिसे उसने बदला लेने के लिए अंजाम दिया।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कन्हैया थोराट ने जानकारी दी कि आरोपी चालक लंबे समय से अपनी कंपनी और सहकर्मियों से नाराज था। उसे अपनी नौकरी और वेतन को लेकर असंतोष था, जिसके चलते उसने यह खतरनाक कदम उठाया। जांच में सामने आया है कि जनार्दन ने पहले से ही इस वारदात की योजना बना रखी थी। मंगलवार को उसने कंपनी से "बेंजिम सॉल्यूशन" नाम का ज्वलनशील रसायन लेकर बस में रखा और सीट के नीचे कुछ कपड़े भी छिपा दिए थे।
बुधवार की सुबह जब वह कर्मचारियों को लेने निकला, तो रास्ते में वारजे इलाके से माचिस खरीदी। जब बस हिंजवाड़ी फेज वन इलाके में पहुंची, तो उसने पहले से रखे कपड़ों में आग लगा दी। रसायन के कारण आग तेजी से बस में फैल गई। आग लगते ही वह बस से कूदकर भाग निकला, जबकि बाकी यात्री आग में फंस गए। हालांकि, आग की चपेट में आने से उसे मामूली चोटें भी आईं, लेकिन उसने पुलिस के सामने बेहोशी का नाटक किया और पूछताछ में गोलमोल जवाब देने लगा।
पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की, तो उसकी साजिश का खुलासा हुआ। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने इस घटना को एक हादसे का रूप देने की कोशिश की थी, लेकिन जांच में उसके इरादे सामने आ गए। अब उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 103 और 109 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।